Amid Hindus worldwide, it is a extremely popular belief that chanting the Chalisa invokes Hanuman's divine intervention in grave issues.
It may be mentioned with out reservation that Tulsidas is the greatest poet to write in the Hindi language. Tulsidas was a Brahmin by delivery and was considered to get a reincarnation with the author with the Sanskrit Ramayana, Valmiki.
By your grace, one will Visit the immortal abode of Lord Rama right after Dying and remain devoted to Him.
हरिओम शरण की मधुर आवाज में हनुमान चालीसा
व्याख्या – मैं अपने को देही न मानकर देह मान बैठा हूँ, इस कारण बुद्धिहीन हूँ और पाँचों प्रकार के क्लेश (अविद्या, अस्मिता, राग, द्वेष एवं अभिनिवेश) तथा षड्विकारों (काम, क्रोध, लोभ, मोह, मद, मत्सर) से संतप्त हूँ; अतः आप जैसे सामर्थ्यवान् ‘अतुलितबलधामम्‘ ‘ज्ञानिनामग्रगण्यम्‘ से बल, बुद्धि एवं विद्या की याचना करता हूँ तथा समस्त क्लेशों एवं विकारों से मुक्ति पाना चाहता हूँ।
भावार्थ – हे पवनसुत श्री हनुमान जी! आप सारे संकटों को दूर करने वाले हैं तथा साक्षात् कल्याण की मूर्ति हैं। आप भगवान् श्री रामचन्द्र जी, लक्ष्मण जी और माता सीता जी के साथ मेरे हृदय में निवास कीजिये।
BalaBalaStrength / electric power buddhiBuddhiIntelligence / knowledge bidyaBidyaKnowledge dehuDehuGive / give harahuHarahuClear / take away kalesaKalesaSuffering bikaraBikaraImperfections / impurity Which means: Figuring out this overall body to get devoid of intelligence/wisdom, I remember the son of wind God, Lord Hanuman; Grant me strength, intelligence and awareness and take away my bodily sufferings and mental imperfections.
To cause you to have an understanding of Just about every line with the Hanuman Chalisa, we provide the this means of every stanza with the Hanuman Chalisa offered within the table beneath.
असुर निकन्दन राम दुलारे ॥३०॥ अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता ।
महाबीर जब नाम सुनावै ॥२४॥ नासै रोग हरै सब पीरा ।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥२६॥ सब पर राम तपस्वी more info राजा ।
व्याख्या – सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार वज्र एवं ध्वजा का चिह्न सर्वसमर्थ महानुभाव एवं सर्वत्र विजय श्री प्राप्त करने वाले के हाथ में होता है और कन्धे पर मूँज का जनेऊ नैष्ठिक ब्रह्मचारी का लक्षण है। श्री हनुमान जी इन सभी लक्षणों से सम्पन्न हैं।
भावार्थ — हे हनुमान जी ! आपके पास कोई किसी प्रकार का भी मनोरथ [ धन, पुत्र, यश आदि की कामना] लेकर आता है, (उसकी) वह कामना पूरी होती है। इसके साथ ही ‘अमित जीवन फल’ अर्थात् भक्ति भी उसे प्राप्त होती है।
Your skin is golden in coloration therefore you are adorned with lovely dresses. You have adorning earrings with your ears plus your hair is curly and thick.
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